Computer की Booting Process kya hai


Computer को Start करने से लेकर Monitor पर DOS Prompt आने तक की प्रक्रिया को Booting Process कहते है। जब ह्म Computer को प्रारम्भ करते है। तो DOS Hard Disk Floppy Disk में रहता है अथॅrत् वह Computer कि Main Memory में नहीं होता है। DOS को Main Memory में लाने के लिए Computer में एक Program होता हैं जिसे Boot StrapLoader कहते हैं वह यह कायॅ करता हैं। Booting प्रक्रिया को हम निम्न चार भागों में बांट सकते हैं।

1. POST
2. BootRecord
3. System File ko Primary Memory में लाना
4. Autoelec.BAT File Run होना ।

Computer को On करने पर एक Program Computer की Testing करता हैं कि Keyboard, Monitor, Disk आदि सही रुप से Computer से जुडे हैं यदि इनमें से कोई भी सही तरीके से जुडा नहीं हो या खराब हो तो हमें Computer Screen पर उस से सम्बन्धित Error Message दिखाई देगा । यह प्रक्रिया POST(Power On Self Test) के नाम से जानी जाती हैं। जिसमें Computer प्रारम्भ होने पर स्वयं का परीक्षळ करता हैं।

Post के बाद Dos को Secondar Memory से Primary Memory में लाने का कार्य प्रारंभ होता है। सबसे पहले Computer Dos को Floppy पर ढूंढता हैं यदि Floppy Drive मे Floppy उपस्थित नहीं है तो DOS को Hard Disk में ढूंढ जाता है। इस प्रक्रिया में Boot Record द्रारा यह Check किया जाता हैं कि Floppy या Hard Disk में आवष्यक System Files है या नहीं । सभी Files मिल जाने पर Boot Record दो System File IO.SYS तथा MSDOS.SYS को Primary Memory में Load कर देता हैं। MSDOS.SYS मुख्यतः Operating System संबंधी कायॅ करती हैं तथा IO.SYS Input, Output devices से संबंधित कायॅ करती हैं। इन Files के अतिंरिक्त एक अन्य File Command.com भी Primary Memory में Load हो जाती हैं । इसके द्रारा विभिन्न Command Memory में आ जाते हैं । इसके पष्चात् एक File Autoexec.Bat File कहते हैं वह RUN होती हैं जिसके फलस्वरुप हमें Screen पर DOS PROMPT (C:/>) display होता है जिस पर करना User कायॅ करना प्रारम्भ करता हैं।

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