Introduction History and version of Dos in hindi (Part-1)
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PC DOS 3.0 |
Introduction of Dos :-
- DOS का पूरा नाम Disk Operating System है
- आज हम जो Operating System का उपयोग कारते है । जैंसे कि Windows 7 ,8 ,10 या मैक लेकिन पहले के Computer मे ऑपरेटिंग सिस्टम पूरी तरह कमांड आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम हुआ करती थी
History and version of Dos :-
Dos Personal Computer पर सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला Oparating System है । इसे IBM तथा MicroSoft Company द्रारा यह 1981 में IBM Company के लिए बनाया गया थ। इस Operating System मे विकास होता रहा । 1981 मे MicroSoft DOS का पह्ला Version 1.0 Launch किया गया। फिर 1983 मे DOS 2.0, 1984 मे 3.0 तथा उसके बाद 4.0, 5.0, 6.0, तथा 6.22 Version जो सबसे अधिक उपयोग में लिया जा रहा है। क्यूकि DOS को PC पर प्रयोग के लिए बनाया गया है इसलिए इसे PC DOS भी कहते है अत: यह Single User Operating System था। यह एक समय में केवल एक ही User के आदेषो का पालन कर सकता है। CP/M-80, CP/M-86, UCSD-p ये Operating System भी उस समय में उपयोग मे लिए जाते थे। बाद में MicroSoft Company ने जब GUI Based Operating System, Windows का विकास किया तब DOS को ऊसका अनिवायॅ भाग बना दिया गया ।
हमेंसा Operating System को ध्यान में रखते हुए Application Program बनाए व Use में लिए जाते है जैसे Typing के लिए WordStar व Tebular Work के लिए Lotus काम में लिये जाते थे । DOS को CUI (Character User Interface) भी कहते हैं ।
जब हम Computer को Start करते है तब DOS किसी Disk पर होना चाहिए । यहां Disk Floppy या Hard Disk कुछ भी हो सकती हैं। इसके बिना Computer Boot करते है तो Hardware में स्थित एक Program(Bootstrap Loader) DOS को Disk की Primary Memory में Load कर देता है। इसे ही Computer की Booting कहते है।
DOS एक CUI Operating System है। अत: इसमे सारा कायॅ Character के द्रारा ही किया जा सकता है। DOS में कायॅ करने के लिए हमे Commands याद करना आवष्यक हैं। जो Command Use में लिये जा रहे है उन्हें Proper Syntax के अनुसार लिखा जाना चाहिए अन्यथा DOS उस Command के लिए Error Message Display करेगा ।
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Concept Of Dos